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| भारत का पहला एआई डेटा सेंटर पार्क: छत्तीसगढ़ बनेगा डिजिटल हब |
8 मई 2025 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने नवा रायपुर में भारत के पहले (AI ) एआई-आधारित डेटा सेंटर पार्क का भूमिपूजन किया। यह परियोजना छत्तीसगढ़ को डिजिटल भारत के केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस सेंटर में एआई, मशीन लर्निंग और बिग डेटा एनालिटिक्स का उपयोग किया जाएगा, जिससे डेटा प्रोसेसिंग की गति और सटीकता में सुधार होगा। प्रारंभ में 13.5 एकड़ क्षेत्र में 5 मेगावाट क्षमता से शुरू होने वाली इस परियोजना का विस्तार 150 मेगावाट तक होगा। यह छत्तीसगढ़ को वैश्विक डिजिटल हब के रूप में स्थापित करेगा, साथ ही रोजगार सृजन और तकनीकी कौशल में वृद्धि करेगा। हालांकि, डेटा सुरक्षा और गोपनीयता को लेकर चुनौतियां सामने आ सकती हैं, जिन्हें कड़े सुरक्षा मानकों से निपटने की आवश्यकता होगी। कुल मिलाकर, यह पहल डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारत का पहला एआई-आधारित डेटा सेंटर पार्क: छत्तीसगढ़ की डिजिटल क्रांति की दिशा में एक कदम
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी ने 8 मई 2025 में नवा रायपुर में भारत के पहले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित डेटा सेंटर पार्क का भूमिपूजन किया। यह महत्वाकांक्षी परियोजना छत्तीसगढ़ को डिजिटल भारत के एक प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित करने में मील का पत्थर साबित होगी।। इस परियोजना से न केवल राज्य का डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर सशक्त होगा, बल्कि पूरे देश में तकनीकी और डिजिटल विकास को एक नई दिशा मिलेगी।डेटा सेंटर का महत्व और एआई का योगदान
डेटा सेंटर पार्क एक ऐसा स्थान होता है जहां डिजिटल डेटा का संग्रहण और प्रोसेसिंग होता है। जब यह सेंटर एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस)-आधारित होता है, तो इसका मतलब है कि डेटा प्रोसेसिंग और विश्लेषण के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे डेटा का प्रबंधन बहुत तेज़ और प्रभावी तरीके से किया जाएगा। इसका लाभ व्यापारों और सरकारी संस्थाओं को होगा, जो एआई के जरिए तेज़ और सटीक निर्णय ले सकेंगी।इस सेंटर में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), मशीन लर्निंग और बिग डेटा एनालिटिक्स का उपयोग किया जाएगा, जिससे डेटा प्रोसेसिंग की गति में काफी वृद्धि होगी। यह न केवल व्यापार के लिए, बल्कि सरकारी योजनाओं और नीतियों के लिए भी अधिक सटीकता लाएगा।
प्रारंभिक चरण और विस्तार की योजना
इस परियोजना की शुरुआत 13.5 एकड़ क्षेत्र में 5 मेगावाट क्षमता के साथ की जाएगी। हालांकि, इसका विस्तार भी किया जाएगा, जिससे क्षमता 150 मेगावाट तक बढ़ाई जा सकेगी। यह कदम छत्तीसगढ़ के डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूती देगा और पूरे देश में डिजिटल तकनीक को नया आकार देगा। इसके अलावा, इस परियोजना से राज्य में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और स्टार्टअप्स के लिए एक बेहतरीन माहौल तैयार होगा।छत्तीसगढ़ और डिजिटल इंडिया का भविष्य
यह डेटा सेंटर पार्क डिजिटल इंडिया की परिकल्पना के अनुरूप है। भारत में बढ़ते इंटरनेट उपयोग और डिजिटल सेवाओं की मांग को देखते हुए, इस तरह के डेटा सेंटर की आवश्यकता महसूस की गई थी। इससे न केवल उद्योगों को उन्नत तकनीकी सेवाएं मिलेंगी, बल्कि सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता भी बढ़ेगी।इस परियोजना से नवा रायपुर को एक स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने में मदद मिलेगी। यह छत्तीसगढ़ को एक वैश्विक तकनीकी केंद्र बना सकता है, जिससे न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को लाभ होगा, बल्कि देश के समग्र डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी मजबूती मिलेगी।

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