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| DRDO सेदो अलग-अलग टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की मंज़ूरी मिल गई है। |
डिफेंस सेक्टर की कंपनी Apollo Micro Systems के शेयर में सोमवार को ज़बरदस्त तेजी देखने को मिली। शेयर करीब 5% चढ़कर अपर सर्किट में लॉक हो गया। इस उछाल की वजह कंपनी को DRDO से मिली दो महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी ट्रांसफर मंज़ूरियां हैं।
कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि उसे
- लेजर बेस्ड डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (DEW) सिस्टम
- और DEW के लिए EO (Electro-Optical) ट्रैकिंग सिस्टम
से जुड़ी दो अलग-अलग टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की स्वीकृति प्राप्त हुई है।
डिफेंस टेक्नोलॉजी में मजबूत होगी कंपनी की पकड़
इन मंज़ूरियों के बाद Apollo Micro Systems की Directed Energy Weapon सब-सिस्टम में तकनीकी क्षमताएं और मजबूत होंगी। यह विकास आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशी रक्षा उत्पादन की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
DEW सिस्टम हाई-पावर लेजर के ज़रिए टारगेट को निष्क्रिय करता है। इसका उपयोग UAV, मिसाइलों और छोटे वाहनों जैसे खतरों के खिलाफ तेज़, सटीक और प्रभावी हमलों में किया जा सकता है।
शेयर की परफॉर्मेंस और मार्केट कैप
Apollo Micro Systems इस समय निवेशकों की रडार पर बना हुआ है, जहां कंपनी का मार्केट कैप करीब ₹8,400 करोड़ तक पहुंच चुका है और शेयर की फेस वैल्यू ₹1 है, 26 नवंबर 2025 तक 52.41% हिस्सेदारी प्रमोटर्स के पास बनी हुई थी, जो मैनेजमेंट के मजबूत भरोसे को दिखाती है, वहीं शेयर की परफॉर्मेंस ने भी कमाल कर दिया है—पिछले 1 साल में 165% की जबरदस्त तेजी और सिर्फ 6 महीनों में 28% की मजबूती ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है, BSE पर यह शेयर ₹92.50 के 52-वीक लो से निकलकर ₹354.65 के 52-वीक हाई तक पहुंच चुका है, जिससे साफ है कि स्टॉक ने बेहद कम समय में दमदार वैल्यू क्रिएशन किया है।
वित्तीय प्रदर्शन भी मजबूत
Apollo Micro Systems का वित्तीय प्रदर्शन भी इसकी तेज़ रफ्तार ग्रोथ की साफ तस्वीर पेश करता है, जहां सितंबर 2025 तिमाही में कंपनी ने ₹225.27 करोड़ का स्टैंडअलोन रेवेन्यू दर्ज किया और ₹33 करोड़ का शुद्ध मुनाफा कमाकर प्रॉफिटेबिलिटी में मजबूत पकड़ दिखाई, वहीं पूरे वित्त वर्ष 2025 की बात करें तो कंपनी का रेवेन्यू ₹562 करोड़ तक पहुंच गया और नेट प्रॉफिट ₹57.24 करोड़ रहा, जो यह साबित करता है कि ऑर्डर बुक, टेक्नोलॉजी अपग्रेड और डिफेंस सेक्टर की बढ़ती मांग का सीधा फायदा कंपनी की कमाई में दिखाई दे रहा है।
तो साफ है कि DRDO से मिली यह दो टेक्नोलॉजी मंज़ूरी सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि Apollo Micro Systems के लिए लॉन्ग-टर्म ग्रोथ का बड़ा ट्रिगर साबित हो सकती है।
अब सवाल यह है—
क्या यह डिफेंस स्टॉक आगे भी निवेशकों को ऐसे ही चौंकाता रहेगा?
आपकी राय क्या है?
कमेंट में जरूर बताइए।

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