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Sarjun kumar
Ambikapur , Chhattisgarh , India
नमस्कार दोस्तों! मेरा नाम सर्जुन कुमार है, मैं एक ब्लॉगर, कंटेंट क्रिएटर और शोध-आधारित लेखक हूँ, जो वित्तीय जगत, शेयर बाजार, और आर्थिक नीतियों से जुड़ी जानकारी को सारगर्भित, पारदर्शी और जनहितकारी रूप में प्रस्तुत करता हूँ। मैंने इन्वेस्टमेंट बैंकिंग क्षेत्र में व्यावसायिक अनुभव प्राप्त किया है और उसके साथ ही लेखन के ज़रिए ब्लॉगिंग की दुनिया में सक्रिय हूं। मेरा उद्देश्य है कि आम नागरिकों को सरल, सटीक और भरोसेमंद जानकारी दी जाए, जिससे वे अपने निवेश और वित्तीय निर्णयों को आत्मविश्वास के साथ ले सकें।
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Apollo Techno Industries IPO: ओपनिंग से पहले GMP ने पकड़ी रफ्तार, जानिए कितनी हो सकती है लिस्टिंग गेन

GMP की चाल ने बढ़ाई उम्मीदें 👀
Apollo Techno Industries IPO से जुड़ी हर जरूरी जानकारी यहां पढ़ें



शेयर बाजार में जैसे ही कोई IPO खुलता है, निवेशकों की पहली नजर GMP (Grey Market Premium) पर जाती है। कुछ ऐसा ही माहौल इस समय Apollo Techno Industries Limited SME IPO को लेकर बना हुआ है। IPO खुलने से पहले ही ग्रे मार्केट में इसके प्रीमियम ने तेजी पकड़ ली है, जिससे लिस्टिंग गेन को लेकर निवेशकों के बीच उत्साह देखने को मिल रहा है।

कंपनी का IPO 23 दिसंबर 2025 को खुल चुका है और शुरुआती संकेतों के मुताबिक, यह इश्यू निवेशकों को लिस्टिंग पर ₹18,000 तक का मुनाफा दे सकता है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या वाकई यह IPO “दमदार” साबित हो सकता है? आइए जानते हैं पूरी डिटेल आसान भाषा में।




Apollo Techno Industries IPO क्यों है चर्चा में?
भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर और अंडरग्राउंड यूटिलिटी प्रोजेक्ट्स तेजी से बढ़ रहे हैं। मेट्रो, एयरपोर्ट, हाईवे, गैस पाइपलाइन, ऑप्टिकल फाइबर और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स के चलते ड्रिलिंग और हेवी कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट की मांग लगातार बढ़ रही है।
इसी ग्रोथ स्टोरी का फायदा उठाने वाली कंपनियों में Apollo Techno Industries Limited का नाम सामने आ रहा है। यही वजह है कि SME सेगमेंट का यह IPO निवेशकों के रडार पर आ गया है।

कंपनी क्या काम करती है?
Apollo Techno Industries Limited गुजरात आधारित कंपनी है, जो विशेष प्रकार की कंस्ट्रक्शन और ड्रिलिंग मशीनरी का निर्माण करती है। कंपनी के प्रमुख उत्पादों में Horizontal Directional Drilling (HDD) रिग्स, Diaphragm Wall Drilling रिग्स और Rotary Drilling रिग्स शामिल हैं। HDD रिग्स का इस्तेमाल गैस पाइपलाइन, पानी की सप्लाई, सीवर लाइन, इलेक्ट्रिक केबल और ऑप्टिकल फाइबर जैसी अंडरग्राउंड यूटिलिटी बिछाने में किया जाता है, वह भी बिना सड़क खोदे, जबकि डायाफ्राम और रोटरी ड्रिलिंग रिग्स मेट्रो प्रोजेक्ट्स, पुलों, एयरपोर्ट और ऊंची इमारतों की गहरी व मजबूत नींव तैयार करने में काम आती हैं। कंपनी का दावा है कि वह इन सेगमेंट्स में भारत की चुनिंदा घरेलू मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों में शामिल है और अपने उत्पादों का निर्यात कुछ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी करती है।

Apollo Techno Industries IPO की पूरी जानकारी
Apollo Techno Industries का IPO पूरी तरह से Fresh Issue है, यानी इससे जुटाई जाने वाली पूरी राशि कंपनी के बिजनेस विस्तार और ऑपरेशनल जरूरतों में इस्तेमाल की जाएगी। यह IPO 23 दिसंबर 2025 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा और 26 दिसंबर 2025 को बंद होगा। इश्यू का प्राइस बैंड ₹123 से ₹130 प्रति शेयर तय किया गया है, जबकि शेयर की फेस वैल्यू ₹10 है। इस IPO के जरिए कंपनी कुल 36,89,000 इक्विटी शेयर जारी कर ₹47.96 करोड़ जुटाने की योजना बना रही है। यह एक बुक बिल्डिंग IPO है और इसकी लिस्टिंग BSE SME प्लेटफॉर्म पर की जाएगी।

लॉट साइज और निवेश राशि
Apollo Techno Industries का यह SME IPO होने के कारण इसमें निवेश राशि अपेक्षाकृत अधिक रखी गई है। इस इश्यू में एक लॉट में 1,000 शेयर शामिल हैं, जहां रिटेल निवेशकों को न्यूनतम 2 लॉट के लिए आवेदन करना होगा, जिसके लिए अपर प्राइस बैंड ₹130 प्रति शेयर के हिसाब से लगभग ₹2,60,000 का निवेश जरूरी होगा। वहीं HNI निवेशकों के लिए न्यूनतम आवेदन 3 लॉट यानी 3,000 शेयर का है, जिसकी कुल निवेश राशि करीब ₹3,90,000 बैठती है।

GMP ने क्यों बढ़ाया जोश?
IPO खुलते ही Grey Market Premium (GMP) में आई तेजी ने निवेशकों का उत्साह बढ़ा दिया है। 20 दिसंबर 2025 की शाम तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार Apollo Techno Industries IPO का GMP करीब ₹18 चल रहा है, जबकि इश्यू का अपर प्राइस बैंड ₹130 रखा गया है, जिससे अनुमानित लिस्टिंग प्राइस लगभग ₹148 बनती है। इस आधार पर संभावित लिस्टिंग गेन करीब 13–14% आंका जा रहा है, यानी एक लॉट (1,000 शेयर) पर निवेशकों को लगभग ₹18,000 तक का मुनाफा हो सकता है। यही कारण है कि इस IPO को लेकर बाजार में काफी चर्चा और “धमाल” देखने को मिल रहा है, हालांकि यह ध्यान रखना जरूरी है कि GMP अनऑफिशियल होता है और बाजार की स्थिति के अनुसार इसमें बदलाव हो सकता है।

IPO से जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल
कंपनी ने स्पष्ट किया है कि IPO से जुटाई गई राशि का उपयोग मुख्य रूप से वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने, ऑर्डर एक्जीक्यूशन की गति बढ़ाने और सामान्य कॉरपोरेट खर्चों के लिए किया जाएगा, जिससे कंपनी की ऑपरेशनल क्षमता मजबूत होगी और भविष्य की ग्रोथ को बेहतर तरीके से सपोर्ट मिल सकेगा।

फाइनेंशियल परफॉर्मेंस कैसी रही है?
वित्त वर्ष 2024–25 में Apollo Techno Industries का फाइनेंशियल परफॉर्मेंस काफी मजबूत रहा है, जहां कंपनी ने ₹9,914.09 लाख का रेवेन्यू दर्ज किया, जबकि EBITDA ₹1,815.31 लाख रहा और EBITDA मार्जिन 18.31% पर बना रहा। इस अवधि में कंपनी का शुद्ध मुनाफा (PAT) ₹1,378.84 लाख रहा, वहीं Return on Equity (ROE) 74.75% और Return on Capital Employed (ROCE) 30.98% दर्ज किया गया, जो SME सेगमेंट में कंपनी की मजबूत वित्तीय स्थिति और कुशल पूंजी उपयोग को दर्शाता है।

मैनेजमेंट क्या कहता है?
कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर पार्थ रश्मिकांत पटेल के अनुसार, Apollo Techno Industries ने बीते वर्षों में घरेलू मैन्युफैक्चरिंग में मजबूत पकड़ बनाई है और IPO से जुटाई गई पूंजी कंपनी को भारत के तेजी से बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के साथ-साथ एक्सपोर्ट मार्केट में अपनी मौजूदगी और मजबूत करने में मदद करेगी।

निवेश करें या नहीं?

Apollo Techno Industries IPO में निवेश का फैसला लेते समय इसके पॉजिटिव और रिस्क फैक्टर्स दोनों को समझना जरूरी है। पॉजिटिव पक्ष की बात करें तो कंपनी का इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर से सीधा जुड़ाव, मजबूत फाइनेंशियल्स और ऊंचा ROE, पॉजिटिव GMP और Fresh Issue होने के कारण ग्रोथ को मिलने वाला सपोर्ट इसे आकर्षक बनाते हैं। वहीं दूसरी ओर, यह एक SME IPO है, जहां लिक्विडिटी अपेक्षाकृत कम रहती है, निवेश राशि ज्यादा है और GMP किसी तरह की गारंटी नहीं देता, जिससे जोखिम भी बना रहता है। इसलिए यह IPO उन निवेशकों के लिए अधिक उपयुक्त हो सकता है जो जोखिम समझकर निवेश करते हैं।

यदि आप हाई-रिस्क और शॉर्ट-टर्म लिस्टिंग गेन की रणनीति के साथ निवेश करना चाहते हैं, तो Apollo Techno Industries का IPO एक दिलचस्प अवसर साबित हो सकता है। हालांकि, लॉन्ग-टर्म निवेश का फैसला लेने से पहले कंपनी के बिजनेस मॉडल, SME सेगमेंट के रिस्क और अपनी जोखिम क्षमता को ध्यान में रखते हुए फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह लेना जरूरी होगा।




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