AWL Agri Business Limited का मुनाफा Q1 FY26 में 24.51% गिरा, पर राजस्व 20.52% बढ़ा। खाद्य तेल सेगमेंट ने अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन वॉल्यूम गिरी। कंपनी लॉन्ग टर्म ग्रोथ पर केंद्रित है।
AWL Agri Business Limited, जिसे पहले Adani Wilmar के नाम से जाना जाता था, ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही यानी quarter one के नतीजे जारी कर दिए हैं, जिसमें कंपनी ने ₹236.43 करोड़ का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया, जो पिछले साल की इसी तिमाही में हुए ₹313.23 करोड़ के मुकाबले करीब 24.51% कम है, जबकि कंपनी का कुल राजस्व ₹17,058.65 करोड़ रहा, जिसमें साल-दर-साल आधार पर 20.52% की जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई, और इस ग्रोथ का प्रमुख कारण रहा खाद्य तेल यानी Edible Oil सेगमेंट का शानदार प्रदर्शन जिसमें कंपनी ने ₹13,415 करोड़ का राजस्व कमाया जो कि सालाना आधार पर 26% की वृद्धि है, हालांकि इस दौरान वॉल्यूम में 4% की गिरावट देखी गई, खासकर Palm Oil की ऊँची कीमतों के कारण ब्रांडेड वॉल्यूम में दबाव बना रहा, और Palm Oil के वैल्यू-फॉर-मनी सेगमेंट में कंपनी की हिस्सेदारी में 135 बेसिस पॉइंट्स की गिरावट आई जिससे कुल मार्केट शेयर में भी 45 basic point की गिरावट देखी गई, वहीं अगर Mustard Oil की बात करें तो कंपनी ने इसमें मजबूत ग्रोथ बनाए रखी, इसके अलावा कंपनी ने बताया कि कुल वॉल्यूम में 5% की गिरावट आई है, जिसके पीछे प्रमुख वजह रही नॉन-बासमती चावल कारोबार का रणनीतिक समेकन, उपभोक्ता मांग में सुस्ती, और G2G यानी गवर्नमेंट-टू-गवर्नमेंट राइस एक्सपोर्ट कारोबार की पिछली तिमाही में एकमुश्त बिक्री जो कि इस तिमाही में नहीं रही, दरअसल financial year 25 की पहली तिमाही में G2G चावल कारोबार से ₹316 करोड़ का राजस्व आया था, जिसे financial year 25 तीसरी तिमाही के बाद धीरे-धीरे समाप्त कर दिया गया, और इसका प्रभाव इस तिमाही के प्रदर्शन में देखने को मिला, इसके बावजूद कंपनी के Core Categories ने अच्छी ग्रोथ दर्ज की, खासकर Industry Essentials सेगमेंट ने ₹2,230 करोड़ का राजस्व दर्ज किया जो कि 12% की सालाना ग्रोथ है। इस सेगमेंट में Castor Oil, Oleochemicals और De-oiled Cake जैसे प्रोडक्ट्स शामिल हैं, जिसमें Castor Oil के निर्यात में कंपनी देश की सबसे बड़ी निर्यातक बनी रही, वहीं Volume ग्रोथ लगभग 6% रही, हालांकि Oleochemicals और Castor डेरिवेटिव्स की वॉल्यूम ग्रोथ सीमित रही क्योंकि यूनिट्स अपनी पूरी क्षमता पर काम कर रहे थे।
Food & FMCG सेगमेंट की बात करें तो यहाँ कुल राजस्व ₹1,414 करोड़ रहा, जो सालाना आधार पर 8% कम है, लेकिन अगर G2G Rice को हटाकर देखा जाए तो इस सेगमेंट में 4% की वृद्धि हुई है, कंपनी ने ब्रांडेड नॉन-बासमती चावल कारोबार को अलग किया है जिससे थोड़ी गिरावट देखी गई, फिर भी इस सेगमेंट में कंपनी का फोकस अब लाभप्रदता बढ़ाने पर है, और financial ईयर 26 ke पहली तिमाही में ₹75 करोड़ का प्री-टैक्स प्रॉफिट दर्ज किया गया जो कि अब तक का सबसे अधिक है, साथ ही इस सेगमेंट में 5.3% की PBT मार्जिन भी रही जो एक पॉजिटिव सिग्नल है।
अगर बात करें कंपनी के वितरण नेटवर्क की तो कंपनी की डायरेक्ट रिटेल पहुँच अब 8.7 लाख आउटलेट्स तक हो चुकी है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 18% अधिक है, और ग्रामीण टाउन कवर करने की कंपनी की रणनीति अब रंग ला रही है क्योंकि फाइनेंशियल ईयर 22 में जहाँ कंपनी मात्र 5,000 टाउन तक सीमित थी, अब वो 55,000 ग्रामीण टाउन में अपनी उपस्थिति बना चुकी है यानी 10 गुना से अधिक की वृद्धि, अब कंपनी का अगला लक्ष्य इन नए जोड़े गए आउटलेट्स और टाउन से अधिक बिक्री निकालने का है।
इसके अलावा कंपनी के Alternate Channels यानी जैसे कि ई-कॉमर्स, क्विक कॉमर्स आदि से पिछले 12 महीनों में ₹3,900 करोड़ का राजस्व आया है, जिसमें से केवल Q1FY26 में Quick Commerce से 75% की ग्रोथ देखी गई है, जो FMCG सेगमेंट के लिए एक अहम ट्रिगर बन सकता है, वहीं मैनेजमेंट का मानना है कि कच्चे खाद्य तेल पर आयात शुल्क में हाल ही में की गई कटौती का फायदा घरेलू रिफाइनर्स को मिलेगा, जिससे रिफाइंड ऑयल की विदेशी आपूर्ति कम होगी और घरेलू बिक्री बढ़ेगी, साथ ही Palm Oil की कीमतों में जो नरमी आई है वह आने वाले क्वार्टर में वॉल्यूम ग्रोथ को सपोर्ट कर सकती है।
कंपनी के MD और CEO, Mr. Angshu Mallick ने कहा कि, “हालांकि तिमाही कुछ चुनौतीपूर्ण रही, लेकिन हमारी Core Categories ने अच्छा प्रदर्शन किया, और अब हमारा पूरा फोकस लाभप्रदता, ग्रामीण बाजारों में पकड़ मजबूत करने और नए वितरण चैनलों से ग्रोथ लाने पर है।"
कुल मिलाकर देखा जाए तो AWL Agri के quarter 1 परिणाम मिश्रित रहे — जहाँ एक ओर मुनाफे में गिरावट और कुछ वॉल्यूम प्रेसर नजर आया, वहीं खाद्य तेल सेगमेंट, इंडस्ट्री एसेंशियल्स और वितरण विस्तार की रणनीतियाँ कंपनी को लॉन्ग टर्म में ग्रोथ की राह पर बनाए रख सकती हैं; निवेशकों के लिए यह जरूरी है कि वे कंपनी के आने वाले क्वार्टर में Palm Oil की कीमतों, उपभोक्ता मांग और एफएमसीजी मार्जिन्स पर नजर बनाए रखें क्योंकि यहीं से भविष्य की दिशा तय होगी।
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